संस्कृत में रिश्तों (संबंधों) (परिवार) के नाम | परिवार के नाम संस्कृत में | Relationship names in Sanskrit (in Hindi)
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“संस्कृत में रिश्तों (संबंधों) (परिवार) के नाम | परिवार के नाम संस्कृत में | Relationship names in Sanskrit (in Hindi)” के बारे में जानने के लिए आगे बढ़ने से पहले, आइए कुछ बुनियादी जानकारी जानते हैं।
संस्कृत भाषा अद्भुत है। इस तरह की भाषा पूरी दुनिया में मिलेगा नहीं | इसे भगवान की भाषा कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस भाषा को देवलोक मे बोलाजाता हैं |
वैकुंठ में, सत्यलोक में, स्वर्गलोक में भी, इस महान भाषा को प्रयोग किया जाता हैं ।
हमारी संस्कृत भाषा एक विशेष और अद्भुत भाषा है।
आइए संभंदों (रिश्तों) को संस्कृत में क्या नाम है करके हम अभी जानेंगे |
नीचे संस्कृत में रिश्तों (संबंध) के नामों (परिवार के नाम संस्कृत में) की सूची दी गई है:
रिश्ता (संबंध) (हिंदी में) – रिश्ता (संबंध) (संस्कृत में)
पिता – पिता / पितरं (वसु) / जनक / पितृ / तात / पित्रुक / जन्मद / देहकर / वलिप / देहकृत / शरीरकर्तृ / क्षान्तु / वप्त्रु
माता – माता, मातरं (वसु) / जननी / अम्बा / जनयित्री / मातृ / मातृकि / जन्मदि / देहकरि / वलिपि
दादा (पिता के पिता) – पितामहं (रुद्र) / पितामह / आशुमुख / आर्यक / आर्यिक / पिताम
दादी (पिता की माता) – पितामहिं (रुद्र) / पितामही / मातृक
नाना (माता के पिता) – मातामहं / मातामह
नानी (माता के माता) – मातामहीं / मातामहि
परदादा (पिता के दादा) – प्रपितामहं / प्रपितामह / वृद्धप्रधान / वृद्धप्रपितामह
परदादी (पिता के माता) – प्रपितामही / प्रपितामहीं / वृद्धप्रधानि / वृद्धप्रपितामहीं
परनाना (माता के दादा) – प्रमातामहं / प्रमातामह / वृध्दप्रधान / वृद्धप्रमातामह
परनानी (माता के माता के माता) – प्रमातामही / प्रमातामहीं / वृद्धप्रधानि / वृद्धप्रमातामहीं
पति – पति / आर्यपुत्र / भर्ता / कांथ / कमित्रु / आर्यसुत / भर्तृक / नायक / वल्लभ / रतगुरु / इष्ट / धनिक / क्षेत्रिन / रुक्य / भोक्त्रु / रमण / ईश / धर्मकील / बंधु / कार / ईश्वर
पत्नी – पत्नि / आर्यपुत्रि / नायिकि / वल्लभि / पली / जाया / भार्या / लक्ष्मी / नारीक / ऊढा / रमणि / ईश्वरि / करकि / धर्मकीलि
पुत्र (बेटा) – पुत्र / दारक / तनय / कुमार / ताति
बेटी – पुत्रि / दुहित्रु / कन्यका / समर्धुका / जा / कुमारि / स्वजा / धीता / अज्ञजा
दामाद – जमाता / जमातृ / यामात्रु / विजामातृ / विट्टति / सुतापति / विवाह्य / कन्यापति / कन्याभत्रु / कन्यावेदिन् / जन्य
बहु – पुत्रवधु / विधुटी / जनी / जनिका / जामी
पोता (पुत्र का पुत्र) – पौत्र / पुत्रपुत्र / नप्तृ / सुतसुत / नपात्
पोता (बेटी का बेटा) – पौत्र / दौहित्र / पुत्रिपुत्र / नप्तृ / पुत्रिसुत / नपात्
पोती (बेटे की बेटी) – पौत्रि / नपाती / नपात् / पुत्रपुत्रि / सुतात्मजा
पोती (बेटी की बेटी) – दौहित्री / नपाति / नपात् / पुत्रिपुत्रि / पुत्रिआत्मजा
भाई – भ्रातृ / सहोदर / भ्रातृक / जामि / केशट / बांदव / बंधु / दायबंधु / कनिष्ठ (छोटा भाई) / अनुज (छोटा भाई) / जेष्ठ (बडा भाई) / पितृव्य (पिता के भाई) /
देवर (पति के भाई) / भिन्नोदर (सौतॆला भाई) / सापत्न्य (सौतॆला भाई) / वैमात्रक (सौतॆला भाई) / अन्यमातृज (सौतॆला भाई / दूसरी माँ)
भ्रातृभांड (जुड़वां भाई) / अग्रिम (बडा भाई) / अग्रजन्मन् (बडा भाई) / अर्क (बडा भाई) / अग्रिय (बडा भाई) / अग्रज (सबसे बडा भाई) /
वाक्किर (पत्नी के भाई) / वारकीर (पत्नी के भाई) / वार्गर (पत्नी के भाई) / रयाल (पत्नी के भाई) / कुम्भिल (पत्नी के भाई) /
आत्मनीन (पत्नी के भाई) / स्याल (पत्नी के भाई) / आत्मवीर (पत्नी के भाई) / सनाभ (गर्भ का भाई) / यवीयस् (छोटा भाई) / दहर (छोटा भाई) /
लघुभ्रातृ (छोटा भाई) / अनुजन्मन् (छोटा भाई) / जघन्यज (छोटा भाई) / अनुजात (छोटा भाई) / सयोनि (गर्भ के भाई) / सूनु (छोटा भाई) / अवरज (छोटा भाई)
यविष्ठ (छोटा भाई) / क्षुल्लतातक (पिता के भाई) / पितृ भ्रातृ (पिता के भाई) / मातृकेसट (माँ के भाई) / मातुल (माँ के भाई) /
मातृर्भ्रातृ (माँ के भाई) / पितृव्य (पिता के भाई) / देत्रु (पति के भाई) / नागर (पति के भाई)
बहन – भगिनी / सहोदरि / सोदर्य / जामि / यामि / ष्वसा / स्वसृ / भग्नी / पितृभगिनी (पिता के भाई) / मातृभगिनी (माँ के भाई) /
अग्रजा (बडी बहन) / ज्येष्ठ (बडी बहन) / अत्तिका (बडी बहन) / स्याली (पत्नी की बहन) / अनुजा (छोटी बहन) / पितृष्वेसा (पिता के बहन) /
मातृष्वेसा (माँ के बहन) / ननान्दा (पति के बहन) / मैमात्रेयी (सौतेली बहन) / अर्तिका (बडी बहन) / अग्रजा (बडी बहन) / पूर्वजा (बडी बहन) / आंतिका (बडी बहन) / अनुजा (छोटी बहन)
चाचा / मामा अन्य – माम (माँ के भाई) / मामक (माँ के भाई) / पितृव्य (पिता के भाई) / मामकेसर (माँ के भाई) / मातृक (माँ के भाई) /
मातुल (माँ के भाई) / मातुलक (माँ के भाई) / तातगु (पिता के बडे भाई) / रिक्यहारिन् (माँ के भाई) / प्रतितृव्य (पिता के पिता के भाई / दादा के भाई)
बडी माँ / छोटी माँ / मामी अन्य – पितृभगिनी (पिता के बहन) / पितृव्य (पिता के बहन) / मातुलानी (माँ के बहन) / मातृभगिनी (माँ के बहन) / पितृष्वेसा (पिता के बहन)
भाई का रिश्ता – खरीत (भाई का बेटा) / भ्रातृज (भाई का बेटा) / प्रजावती (भाई की पत्नी) / भ्रातृजा (भाई की बेटी) /
ज्येष्ठभविका (बडे भाई के पत्नी) / आत्मबंधू (माँ के भाई का बेटा) / पितृव्यपुत्र (पिता के भाई के बेटा) / भ्रातृव्य (पिता के भाई के बेटा) / याताननान्दृ (पिता के भाई के पत्नी)
बहन का रिश्ता – स्वस्रीय (बहन का बेटा) / भागिनेयक (बहन का बेटा) / भगिनीसूत (बहन का बेटा) / भगिनीय (बहन का बेटा) /
कुतप (बहन का बेटा) / यामेय (बहन का बेटा) / जामेय (बहन का बेटा) / भगिनीभर्तृ (बहन का बेटा) / भाम (बहन का पति) /
भामक (बहन का पति) / आबुत्त (बहन का पति) / भावुक (बहन का पति) / ग्रामहासक (बहन का पति) / भगिनेयी (बहन का बेटी) /
स्वस्रीया (बहन का बेटी) / कष्टभागिनेय (पत्नी के बहन का बेटा) / पितृष्वस्रीय (पिता के बहन का बेटा) / आत्मबंधू (माँ के बहन का बेटा) /
मातृश्वसेय (माँ का बहन का बेटा) / पैतृष्वसेय (पिता के बहन का बेटा) / स्वास्रीय (बहन का बेटा का बेटा) / नानान्द्र (पति के बहन का बेटा) /
पैतृश्वसेई (पिता के बहन का बेटी) / मातृष्वसेई (माँ के बहन का बेटी) / आत्मबंधू (पिता के बहन का बेटा)
मित्रता का रिश्ता – सखी (सहेली) / मित्र (दोस्त) / स्नेहित (दोस्त) / आत्मीयस्नेहित (सबसे सटीक दोस्त) / सवयस् (दोस्त) / आप्त (दोस्त) / संसर्गेन् (दोस्त) /
उत्तरसाधक (दोस्त) / सोहार्द (दोस्त) / वल्ल्भ (दोस्त) / सुरभि (सहेली) / वनुस् (दोस्त) / सहचारिणी (सहेली) / अद्वेष्ट्र (दोस्त) / विहति (दोस्त) /
परस्परज्ञ (दोस्त) / प्रिय (दोस्त) / भरण्यु (दोस्त) / अनुकम्प्य (दोस्त) / लोकबंधु (दुनिया का दोस्त) / अभ्यंतरक (परम मित्र) /
हितमित्र (परोपकारी मित्र) / अधिमित्र (आकस्मिक मित्र) / प्रियसख (बाय फ्रेंड) / प्रियसखी (गर्ल फ्रेंड)
गुरु का रिश्ता – गुरु (गुरु) / गुरुपात्र (गुरु का पुत्र) / गुरुपत्नि (गुरु की पत्नी) / गुरुपुत्रि (गुरु की बेटी) /
आचार्यजाया (गुरु की पत्नी) / गुरुयोषित् (गुरु की पत्नी) / महामात्री (महा गुरु की पत्नी)
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